Har dua kabul hone ka wazifa

 आयते करीमा की फजीलत





हज़रते सय्यिदुना सा'द رَضِيَ اللهُ تَعَالٰى عَنْه से रिवायत है कि शहंशाहे खुश खिसाल, पैकरे हुस्नो जमाल, दाफेए रन्जो मलाल, साहिबे जूदो नवाल, रसूले बे मिसाल, बीबी आमिना के लाल صَلَّى اللَّهُ تَعَالٰى عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : हज़रते जुन्नून (यानी हज़रते यूनुस عليه السّلام) ने मछली के पेट में येह कलिमात कहे : لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنْتُ مِنَ الظَّلِمِينَ

 (तर-ज-मए कन्जुल ईमान : कोई मा'बूद नहीं सिवा तेरे पाकी है तुझ को बेशक मुझ से बे जा हुआ) लिहाजा जो मुसलमान इन कलिमात के साथ किसी मक्सद के लिए दुआ मांगे अल्लाह तआला उस की दुआ क़बूल फ़रमाता है।

(سنن الترمذى ج ٥ ص ٣٠٢ حديث ٣٥١٦)

 صَلُّوا عَلَى الْحَبِيب !

صَلَّى اللَّهُ تَعَالَى عَلَى مُحَمَّد

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