sar dard ka ruhani ilaj
बिस्मिल्लाह शरीफ के 8 अवराद
(1) घर की हिफाजत के लिए
हज़रते सैय्यदुना इमाम फखरुद्दीन रज़ी अलैहि रहमतुल्लाह क़वी फरमाते हैं, "जिसने अपने घर के बाहरी दरवाज़े (MAIN GATE) पर 'بسم الله الرحمن الرحيم' लिख लिया वह (सिर्फ दुनिया में) हलाकत से बेख़ौफ़ हो गया ख़्वाह काफ़िर ही क्यों न हो, तो भला उस मुसलमान का क्या हाल होगा जो ज़िन्दगी भर अपने दिल के आबगीने पर इसको लिखे हुए होता है !"
( 2) दर्द-ए-सर का इलाज
कैसरे रूम ने अमिरुल मुमिनीन हज़रते सैय्यदुना उमर फारूक़ अजम रज़ियल्लाहु ता'आला अन्हु को खत लिखा कि मुझे दाइमी दर्द-ए-सर की शिकायत है अगर आप के पास इस की दवा हो तो भेज दीजिए ! हज़रते सैय्यदुना उमर फारूक़ अजम रज़ियल्लाहु ता'आला अन्हु ने उस को एक टोपी भेज दी, कैसर रूम उस टोपी को पहनता तो उस का दर्द-ए-सर काफ़ूर हो जाता और जब सर से उतारता तो दर्द-ए-सर फिर लौट आता। उसे बड़ा तअज्जुब हुआ। आख़िरकार उस ने उस टोपी को उधेड़ा तो उस में से एक काग़ज़ बरामद हुआ जिस पर 'بسم الله الرحمن الرحيم' लिखा था।
---
*
(3) नकसीर फूटने का इलाज
अगर किसी की नकसीर फूट जाए और खून बहने लगे, तो शहादत उंगली से पेशानी पर 'بسم الله الرحمن الرحيم' इस तरह लिखना शुरू करें कि नाक के आखिर पर खत्म करें। إن شاء الله عز खून बंद हो जाएगा।
(4) जिन्नात से सामान की हिफाजत का तरीका
हज़रते सैय्यदुना सफ्वान बिन सुलैम رَحْمَةُ اللَّهِ تَعَالَى عَلَيْهِ फरमाते हैं, "इंसान के साजो सामान और मलबूसात को जिन्नात इस्ति'माल करते हैं। लिहाज़ा, जब कोई शख़्स कपड़ा (पहनने के लिए) उठाए या (उतार कर) रखे तो 'बिस्मिल्लाह शरीफ' पढ़ लिया करे। इस के लिए अल्लाह ता'आला का नाम मोहर है।" (यानि बिस्मिल्लाह पढ़ने से जिन्नात इन कपड़ों को इस्ते' माल नहीं करेंगे।)
माँटे माँटे इस्लामी भाइयो! इसी तरह हर चीज़ रखते या उठाते वक्त 'بسم الله الرحمن الرحيم' पढ़ने की आदत बनानी चाहिए। إن شاء الله عزوجل शरीर जिन्नात की दस्तबुर्द से हिफाजत हासिल होगी।
(5) दुश्मनी खत्म करने का वज़ीफ़ा
अगर पानी पर 786 मर्तबा 'بسم الله الرحمن الرحيم' पढ़कर मुखालिफ (यानि दुश्मन) को पिला दें, तो إن شاء الله वह मुखातिब छोड़ देगा और महब्बत करने लगेगा।
(6) मर्ज़ से शिफ़ा का वज़ीफ़ा
जिस दर्द या मर्ज़ पर तीन रोज़ तक सो मर्तबा
بسم الله الرحمن الرحيم
पढ़ कर हुज़ूरे दिल से पढ़ कर दम किया जाए
إن شاء الله عزوجل
उस से आराम हो जाएगा।
(जन्नती जेवर, स. 579)
(7) चोर और अचानक मौत से हिफ़ाजत
अगर रात को सोते वक्त 21 मर्तबा
بسم الله الرحمن الرحيم
पढ़ ले तो إن شاء الله عزوج माल व असबाब चोरी से महफूज़ रहेंगे और मौत ना गहानी (यानी अचानक मौत) से भी हिफ़ाजत होगी।
(जन्नती जेवर, स. 579)
(8) आफते दूर होने का आसान विर्द
मोला मुश्किल कुशा हज़रते सैय्यदुना अलीयुल मुर्तज़ा शेर-ए- खुदा کرام
اللَّهُ تَعَالَىٰ وَجْهَهُ الْكَرِيمِ
से रिवायत है कि सुल्तान-ए-मक्कए मुकर्रमा, ताजदार-ए-मदीनए मुनव्वरह, मकीने-गुम्बदे खज़रा صَلَّى اللَّهُ تَعَالَى عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّم ने इर्शाद फरमाया, "ऐ अली ! (كَرَّمَ اللَّهُ تَعَالَىٰ وَجَهَهُ الْكَرِيمِ) मैं तुम्हें ऐसे कलमात ना बता दूं जिन्हें तुम मुसीबत के वक्त पढ़ लो ।" अर्ज़ किया, "ज़रूर इर्शाद फरमाइये ! आप صَلَّى اللَّهُ تَعَالَى عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّم पर मेरी जान कुर्बान ! तमाम अच्छाइयां मैंने आप صَلَّى اللَّهُ تَعَالَى عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّم ही से सीखी हैं। इर्शाद फरमाया, "जब तुम किसी मुश्किल में फंस जाओ तो इस तरह पढ़ो:-
بسم الله الرحمن الرحيم وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيمِ
पस अल्लाह عَزَّوَجَلَّ इस की ब-र-कत से जिन बलाओं को चाहेगा दूर फ़रमा देगा। (عمل اليوم والليل لا بن سُنّى ص ۱۲۰)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! जब भी बीमारी, कर्ज़दारी, मुकद्दमे बाज़ी, दुश्मन की तरफ़ से ईज़ा रसानी, बे रोज़गारी या कोई सी भी आफ़ते ना गहानी आन पड़े, कोई चीज़ गुम हो जाए, किसी की बात सुन कर सदमा पहुंचे, कोई मारे, दिल दुख जाए, ठोकर लगे, गाड़ी खराब हो जाए, ट्राफ़िक जाम हो जाए, कारोबार में नुक्सान हो जाए, चोरी हो जाए, अल गरज़ छोटी या बड़ी कोई सी भी परेशानी हो
بسم الله الرحمن الرحيم وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيمِ ,
पढ़ते रहने की आदत बना लीजिये । निय्यत साफ़ होगी तो إِنْ شَاءَ اللَّهِ عَزَّوجل मन्ज़िल आसान होगी ।
صَلُّوا عَلَى الْحَبِيب ! صلى الله تعالى على محمد
Comments
Post a Comment
DOSTO MENE YEH BLOG SAB KI HELP KE LIYE BANAYA HAI TAKE IS BLOG ME POST PADKE FAYDA HASIL KAR SAKE IS BLOG ME RUHANI ILAJ GHARELU ILAJ SATHI HI SATH ISTEKHARA KHAWABO KI TABIR KA BHI BATAYA JAYEGA AUR DEENI MASAIL BHI BATAYE JAYENGE